आई सी एफ ए आई विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन



द आई सी एफ ए आई विश्वविद्यालय के तत्वावधान में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस कला एवं मानविकी विभाग की ओर से आयोजित किया गया। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्य प्रकाश दुबे, कुलसचिव डॉ. रविकिरण पटनायक एवं मुख्य वक्ता के रूप में आकाशवाणी रायपुर के वरिष्ठ उद्घोषक श्री के परेश राव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आरम्भ मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण ओर दीप प्रज्जवल कर  किया गया। तत्पश्चात् कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथि गण का स्वागत फुलो का गुलदस्ता प्रदान कर किया गया।

14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने को कहा और 14 सितंबर 1949 के दिन संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी भारत की राजभाषा होगी, हिन्दी भाषा को देवनागरी लिपि में भारत की कार्यकारी और राज भाषा का दर्जा आधिकारिक रूप में दिया गया हिन्दी का इतिहास लगभग हजार वर्ष पुराना है, हम सभी के लिए हिन्दी भाषा और हिन्दी दिवस का बहुत महत्व है यह केवल राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि हमारी पहचान है।

प्रो. सत्य प्रकाश दुबे

कार्यक्रम में वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. देवेन्द्र षडंगी ने अपने उद्बोधन में कहा हिन्दी भाषा को भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343(1) में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया आज के समय में हमें अंग्रेजी सीखना चाहिए किन्तु अपनी भाषा को भूलना नहीं चाहिए। हमारी संस्कृति और सम्यता के लिए हिंदी भाषा का विशेष महत्व है।

      डॉ. आभा शुक्ला ने अपना व्कत्वय देते हुए कहा कि हिंदी सहज भाषा है। भाषाओें की खूबशूरती हम इस भाषा के माध्यम से अच्छी तरह होती है। हिन्दी भाषा हमारा गर्व है, हमें किसी एक दिन ही इसके लिए प्रतिबद्ध नहीं होना चाहिए । डॉ. एस. एस. दुबे ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम हिंदी भाषी लोग है, इस भाषा के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ी को सभ्यता और संस्कृति की समूह शिक्षा दे सकते है। साथ ही उन्होनें हिन्दी भाषा व भारत की अन्य भाषाओं के शब्द कोशों की तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करते हुए हिन्दी की महत्ता को समझाया।

मुख्य वक्ता के रूप में श्री के. परेश राव ने हिंदी भाषा के महत्व को बताते हुए भाषा को प्रभावशाली किस प्रकार बनाया जाए इसके सूक्ष्म बिंदुओं को बताया। उच्चारण, शब्द, विराम, भाव, सुंदरता, लय, पिच, सहित स्पष्टता और प्रस्तुतिकरण तक एक-एक कर उदाहरणों से विस्तार रूप में बताया।

सार्थक चर्चा के साथ उन्होनें कहा कि भाषा प्रभावशाली होना हमारे व्यक्तित्व को संवारता है इसलिए हिंदी भाषा पर हमारा अधिकार होना अत्यंत आवश्यक है।

श्री के. परेश राव

कुलसचिव डॉ. रविकिरण पटनायक ने हिंदी भाषा में अपनी अभिव्यक्ति देते हुए उसकी सहजता और सुंदरता की बात की।

मुख्य वक्ता श्री के. परेश राव जी को कुलपति महोदय द्वारा स्मृतिचिन्ह प्रदान किया गया। एवं कुलसचिव महोदय ने उनको धन्यवाद ज्ञापित किया।

साथ ही कार्यक्रम के आयोजन में उपस्थित सभी प्राध्यापकगण का आभार व्यक्त किया एवं कार्यक्रम की सराहना की।

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